परिंदे दूर फ़ज़ाओं में खो गए 'अल्वी' By Sher << क़फ़स में हम-सफ़ीरो कुछ त... मैं जानता हूँ मुझे मुझ से... >> परिंदे दूर फ़ज़ाओं में खो गए 'अल्वी' उजाड़ उजाड़ दरख़्तों पे आशियाने थे Share on: