लफ़्ज़ों के एहतियात ने मअ'नी बदल दिए By Sher << बैठे भरे हुए हैं ख़ुम-ए-म... घर में रहते हुए ग़ैरों की... >> लफ़्ज़ों के एहतियात ने मअ'नी बदल दिए इस एहतिमाम-ए-शौक़ में हुस्न-ए-असर गया Share on: