मुद्दत से इक लड़की के रुख़्सार की धूप नहीं आई By Sher << मुँह तक भी ज़ोफ़ से नहीं ... उमीद-ए-हूर ने सब कुछ सिखा... >> मुद्दत से इक लड़की के रुख़्सार की धूप नहीं आई इस लिए मेरे कमरे में इतनी ठंडक रहती है Share on: