मुद्दतें हो गईं बिछड़े हुए तुम से लेकिन By याद, Sher << ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारिय... ख़ुदा रा बहर-ए-इस्तिक़बाल... >> मुद्दतें हो गईं बिछड़े हुए तुम से लेकिन आज तक दिल से मिरे याद तुम्हारी न गई Share on: