मुद्दतें हुईं अब तो जल के आशियाँ अपना By Sher << दर्द-ए-सर है ख़ुमार से मु... रफ़्ता रफ़्ता लफ़्ज़ गूँग... >> मुद्दतें हुईं अब तो जल के आशियाँ अपना आज तक ये आलम है रौशनी से डरता हूँ Share on: