मुफ़्लिसी भूक को शहवत से मिला देती है By मुफ़्लिसी, Sher << मिरे बच्चे तिरा बचपन तो म... दिल मोहब्बत से भर गया ... >> मुफ़्लिसी भूक को शहवत से मिला देती है गंदुमी लम्स में है ज़ाइक़ा-ए-नान-ए-जवीं Share on: