'आज़ुर्दा' मर के कूचा-ए-जानाँ में रह गया By Sher << जो मंज़िल तक जा के और कही... इक ख़्वाब का ख़याल है दुन... >> 'आज़ुर्दा' मर के कूचा-ए-जानाँ में रह गया दी थी दुआ किसी ने कि जन्नत में घर मिले Share on: