मुहताज नहीं क़ाफ़िला आवाज़-ए-दरा का By Sher << मिल ही जाएगा कभी दिल को य... हर तरफ़ अपने को बिखरा पाओ... >> मुहताज नहीं क़ाफ़िला आवाज़-ए-दरा का सीधी है रह-ए-बुत-कदा एहसान ख़ुदा का Share on: