मुहय्या सब है अब अस्बाब-ए-होली By Sher << गुलशन में हवा से जो खुला ... तेरी क़ुर्बत में गुज़ारे ... >> मुहय्या सब है अब अस्बाब-ए-होली उठो यारो भरो रंगों से झोली Share on: