मुझ को ख़बर रही न रुख़-ए-बे-नक़ाब की By Sher << इक नाम क्या लिखा तिरा साह... इक पल में झड़ी अब्र-ए-तुन... >> मुझ को ख़बर रही न रुख़-ए-बे-नक़ाब की है ख़ुद नुमूद हुस्न में शान-ए-हिजाब की Share on: