मुझ को पहचान तू ऐ वक़्त मैं वो हूँ जो फ़क़त By Sher << बदन पर बार है फूलों का सा... पहुँचा न था यक़ीन की मंज़... >> मुझ को पहचान तू ऐ वक़्त मैं वो हूँ जो फ़क़त एक ग़लती के लिए अर्श-ए-बरीं से निकला Share on: