मुझ में और तुझ में है ये फ़र्क़ तो अब भी क़ाइम By Sher << वही नज़र में है लेकिन नज़... जिस को दिल से लगा के रक्ख... >> मुझ में और तुझ में है ये फ़र्क़ तो अब भी क़ाइम तू मुझे चाहे मगर तुझ को ज़माना चाहे Share on: