मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं By Sher << निकलने ही नहीं देती हैं अ... इस दौर में ज़िंदगी बशर की >> मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं एक ख़याल ने दहशत फैला रक्खी है Share on: