मुझ में थोड़ी सी जगह भी नहीं नफ़रत के लिए By Sher << बिखरी हुई है यूँ मिरी वहश... रात दिन तू रहे रक़ीबाँ-सं... >> मुझ में थोड़ी सी जगह भी नहीं नफ़रत के लिए मैं तो हर वक़्त मोहब्बत से भरा रहता हूँ Share on: