मुझ से बिगड़ गए तो रक़ीबों की बन गई By ख़फ़ा, भरोसा, रक़ीब, Sher << दर्द था हैजान था पर आँख म... है नगीना हर एक उ'ज़्व... >> मुझ से बिगड़ गए तो रक़ीबों की बन गई ग़ैरों में बट रहा है मिरा ए'तिबार आज Share on: