मुझ से तन्हाई में गर मिलिए तो दीजे गालियाँ By Sher << मुनहसिर वक़्त-ए-मुक़र्रर ... मुझ को देखो मिरे मरने की ... >> मुझ से तन्हाई में गर मिलिए तो दीजे गालियाँ और बज़्म-ए-ग़ैर में जान-ए-हया हो जाइए Share on: