मुझे दुश्मन से अपने इश्क़ सा है By Sher << ख़्वाब क्या था जो मिरे सर... ऐ 'ज़ौक़' तकल्लुफ... >> मुझे दुश्मन से अपने इश्क़ सा है मैं तन्हा आदमी की दोस्ती हूँ Share on: