मुझे मिटा के वो यूँ बैठे मुस्कुराते हैं By Sher << आँधियाँ सब कुछ उड़ा कर ले... मुद्दतों बा'द कभी ऐ न... >> मुझे मिटा के वो यूँ बैठे मुस्कुराते हैं किसी से जैसे कोई नेक काम हो जाए Share on: