मुझे रास वीरानियाँ आ गई हैं By Sher << बहुत दिनों से है दिल अपना... अब जिस्म के अंदर से आवाज़... >> मुझे रास वीरानियाँ आ गई हैं तिरी याद भी अब सताती नहीं है Share on: