मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी By Sher << शोख़ी शबाब हुस्न तबस्सुम ... होते होते मैं पहुँच जाता ... >> मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी मोहब्बत की कहानी में अदाकारी नहीं करनी Share on: