मुझे सँभालने में इतनी एहतियात न कर By Sher << ज़बाँ पर तिरा नाम जब आ गय... ऐ 'मुसहफ़ी' अब चख... >> मुझे सँभालने में इतनी एहतियात न कर बिखर न जाऊँ कहीं मैं तिरी हिफ़ाज़त में Share on: