मुझे तो क़ैद-ए-मोहब्बत अज़ीज़ थी लेकिन By Sher << था मिरा नाख़ुन-ए-तराशीदा का'बे से मुझ को लाई स... >> मुझे तो क़ैद-ए-मोहब्बत अज़ीज़ थी लेकिन किसी ने मुझ को गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया Share on: