मुझे तो ख़ैर वतन छोड़ कर अमाँ न मिली By Sher << मुझे ये डर है तिरी आरज़ू ... मुद्दत से कोई आया न गया स... >> मुझे तो ख़ैर वतन छोड़ कर अमाँ न मिली वतन भी मुझ से ग़रीब-उल-वतन को तरसेगा Share on: