मुझी में रहे मुझ से मस्तूर हो कर By Sher << सुनते हैं इश्क़ नाम के गु... कभू जो शैख़ दिखाऊँ मैं अप... >> मुझी में रहे मुझ से मस्तूर हो कर बहुत पास निकले बहुत दूर हो कर Share on: