मुमकिन है कि सदियों भी नज़र आए न सूरज By Sher << दो ही चीज़ें इस धरती में ... बदलती जा रही है दिल की दु... >> मुमकिन है कि सदियों भी नज़र आए न सूरज इस बार अंधेरा मिरे अंदर से उठा है Share on: