मुमकिन है यही दिल के मिलाने का सबब हो By Sher << न जाने उस ने खुले आसमाँ म... क्या कहूँ कितना फ़ुज़ूँ ह... >> मुमकिन है यही दिल के मिलाने का सबब हो ये रुत जो हमें हाथ मिलाने नहीं देती Share on: