'मुनीर' इस ख़ूबसूरत ज़िंदगी को By Sher << तू ने ये क्या ग़ज़ब किया ... मैं हूँ दिल है तन्हाई है >> 'मुनीर' इस ख़ूबसूरत ज़िंदगी को हमेशा एक सा होना नहीं है Share on: