बे-इल्म शाइरों का गिला क्या है ऐ 'मुनीर' By Sher << मिरा वजूद ओ अदम भी इक हाद... दिल में न हो जुरअत तो मोह... >> बे-इल्म शाइरों का गिला क्या है ऐ 'मुनीर' है अहल-ए-इल्म को तिरा तर्ज़-ए-बयाँ पसंद Share on: