मुंतज़िर हूँ किसी के आने का By Sher << नौ-गिरफ़्तार-ए-मोहब्बत हू... शैख़-जी बुत की बुराई कीजे >> मुंतज़िर हूँ किसी के आने का किस की आँखों में आ के ख़्वाब रहे Share on: