मुसाफ़िरों से कहो अपनी प्यास बाँध रखें By Sher << जंगल की धूप छाँव ही जंगल ... क्या क्या किया है कूचा-ब-... >> मुसाफ़िरों से कहो अपनी प्यास बाँध रखें सफ़र की रूह में सहरा कोई उतर चुका है Share on: