मुसलमाँ काफ़िरों में हूँ मुसलामानों में काफ़िर हूँ By Sher << दिल वालों से सुनते थे कभी... हर तरह हम दिल-ए-ना-फ़हम क... >> मुसलमाँ काफ़िरों में हूँ मुसलामानों में काफ़िर हूँ कि क़ुरआँ सर पे बुत आँखों में है ज़ुन्नार पहलू में Share on: