ए'तिबारात हैं ये हस्ती-ए-मौहूमी के By Sher << कह दो ये कोहकन से कि मरना... ये फूल मुझे कोई विरासत मे... >> ए'तिबारात हैं ये हस्ती-ए-मौहूमी के फ़िल-हक़ीक़त तो कोई ख़ाँ है न नव्वाब है याँ Share on: