'मुसहफ़ी' इस से भी रंगीं ग़ज़ल इक और लिखी By Sher << 'मुसहफ़ी' कुछ कम ... 'मुसहफ़ी' हम तो य... >> 'मुसहफ़ी' इस से भी रंगीं ग़ज़ल इक और लिखी रख दिया ताज़ा गुलिस्ताँ को गुलिस्ताँ के तले Share on: