तू जो जाता है वहीं नित दौड़ दौड़ ऐ 'मुसहफ़ी' By Sher << तू खुले बालों मिरे सामने ... तू जिस के ख़्वाब में आया ... >> तू जो जाता है वहीं नित दौड़ दौड़ ऐ 'मुसहफ़ी' और क्या दुनिया के सारे ख़ूबसूरत मर गए Share on: