मुट्ठी में क्या धरी थी कि चुपके से सौंप दी By Sher << दबाना शर्त है बजते हैं सा... हवस शामिल है थोड़ी सी दुआ... >> मुट्ठी में क्या धरी थी कि चुपके से सौंप दी जान-ए-अज़ीज़ पेशकश-ए-नामा-बर ग़लत Share on: