निछावर बुत-कदे पर दिल करूँ का'बा तो कोसों है By Sher << उजाड़ घर में ये ख़ुशबू कह... रोने पे अगर आऊँ तो दरिया ... >> निछावर बुत-कदे पर दिल करूँ का'बा तो कोसों है कहाँ ले जाऊँ इतनी दूर क़ुर्बानी मोहब्बत की Share on: