हज़ारों हुस्न वाले इस ज़मीं में दफ़्न हैं 'मुज़्तर' By Sher << जो ग़ैर थे वो इसी बात पर ... तुम हमारे किसी तरह न हुए >> हज़ारों हुस्न वाले इस ज़मीं में दफ़्न हैं 'मुज़्तर' क़यामत होगी जब ये सब के सब मदफ़न से निकलेंगे Share on: