मेरा दिल-ए-'मुज़्तर' बुत-ए-काफ़िर से लगा है By Sher << सिलसिले तोड़ गया वो सभी ज... मिल भी जाओ यूँही तुम बहर-... >> मेरा दिल-ए-'मुज़्तर' बुत-ए-काफ़िर से लगा है और आँख मिरी सू-ए-ख़ुदा देख रही है Share on: