न जाने इस क़दर क्यूँ आप दीवाने से डरते हैं By Sher << आफ़रीं तुझ को हसरत-ए-दीदा... हम से वफ़ा-शिआर को भी तेर... >> न जाने इस क़दर क्यूँ आप दीवाने से डरते हैं चराग़-ए-अंजुमन हैं और परवाने से डरते हैं Share on: