न जाने कौन सा आसेब दिल में बस्ता है By Sher << रविश में गर्दिश-ए-सय्यारग... मुश्किल है रोक आह-ए-दिल-ए... >> न जाने कौन सा आसेब दिल में बस्ता है कि जो भी ठहरा वो आख़िर मकान छोड़ गया Share on: