न जाने मोहब्बत का अंजाम क्या है By Sher << बज़्म में ग़ैर से करते हो... घर से निकले हुए बेटों का ... >> न जाने मोहब्बत का अंजाम क्या है मैं अब हर तसल्ली से घबरा रहा हूँ Share on: