न मैं ने दस्त-शनासी का फिर किया दावा By Sher << ख़ूबान-ए-जहाँ हों जिस से ... शायद वो दिन पहला दिन था प... >> न मैं ने दस्त-शनासी का फिर किया दावा न उस ने हाथ मुझे चूमने दिया फिर से Share on: