न मिलो खुल के तो चोरी की मुलाक़ात रहे By Sher << बस-कि हों मिल्लत-ओ-मज़हब ... तुझ को क्या दूसरों के ऐबो... >> न मिलो खुल के तो चोरी की मुलाक़ात रहे हम बुलाएँगे तुम्हें रात गए रात रहे Share on: