न परवाने की दो मिसालें कि उस को By Sher << दिल को मालूम है क्या बात ... मुझ को मारा गले लगा ख़ंजर >> न परवाने की दो मिसालें कि उस को मोहब्बत नहीं ख़ुद-कुशी की हवस थी Share on: