न रह जावे कहीं तू ज़ाहिदा महरूम रहमत से By Sher << नहीं शिकवा मुझे कुछ बेवफ़... मुझे ये डर है दिल-ए-ज़िंद... >> न रह जावे कहीं तू ज़ाहिदा महरूम रहमत से गुनहगारों में समझा करियो अपनी बे-गुनाही को Share on: