न याद की चुभन कोई न कोई लौ मलाल की By Sher << बेबसी से नजात मिल जाए क्या ख़बर मेरा सफ़र है और... >> न याद की चुभन कोई न कोई लौ मलाल की मैं जाने कितनी दूर यूँही ख़ुद से बे-ख़बर गया Share on: