नाचार है दिल ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर के आगे By Sher << कोई भी घर में समझता न था ... मेरे सीने से ज़रा कान लगा... >> नाचार है दिल ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर के आगे दीवाने का क्या चलता है ज़ंजीर के आगे Share on: