नहीं रहा मैं तिरे रास्ते का पत्थर भी By Sher << जिगर की चोट ऊपर से कहीं म... मुद्दआ दूर तक गया लेकिन >> नहीं रहा मैं तिरे रास्ते का पत्थर भी वो दिन भी थे तिरे एहसास में ख़ुदा था मैं Share on: