नहीं ये मेहंदी नहीं है तुम्हारे हाथों पर By Sher << सर को नेज़ा नसीब होता है मेरी ख़ुद-फ़रामोशी अब यहा... >> नहीं ये मेहंदी नहीं है तुम्हारे हाथों पर किसी का ख़ून-ए-तमन्ना लगाए बैठे हो Share on: