नज़्र को किस गुल-ए-नौ-रस्ता के दामन में नसीम By Sher << नज़रों में एक बोसा माँगा ... नसीम मुज़्तरिब-उल-हाल जाए... >> नज़्र को किस गुल-ए-नौ-रस्ता के दामन में नसीम भर के फूलों का इक अम्बार लिए फिरती है Share on: